(१) गणपति जी का ध्यान कर ध्यायु शारदा मात। गाऊ प्रार्थना भैरव कि जो है शीशा नाथ ।।
(२) भैरव दीन दयाल प्रभु आप हमारे नाथ । जब जब आई विपदा आपने दिया है साथ।।
(३) देवी पुत्र श्री भैरव, शिवशंकर अवतार ।
हनुमत् संग विराजते भद्रकाली के द्वार।।
(४)शीशा आपको धाम है मन्दिर अति विशाल । शोभा अति सुहावनी दर्शन ली बलिहार ।।
(५) नाथा रा थे नाथ हो भैरव दैव महान । दास आगयो शरण में रखल्यो अपने पास।।
(६) भादव की तेरस न मेलो लगे विशाल।पैदल आवे यात्री पाव मन इंछा वरदान।।
(७) बावन भैरु बतीस कुल ध्यावे सकल संसार । मरुधर देश मे शीशा भवन बनाय।।
(८) जो गावे भैरव महीमा मनईंछा फल पाय। योगेश ध्याव आपने पुरा किज्यो काज।।#Yogeshpareek18