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Showing posts from August 17, 2014

गोगाजी , गुग्गा, जाहिर वीर जाहर पीर

गोगाजी राजस्थान के लोक देवता हैं जिन्हे जहरवीर गोगा जी के नाम से भी जाना जाता है । राजस्थान के हनुमानगढ़ जिले का एक शहर गोगामेड़ी है। यहां भादव शुक्लपक्ष की नवमी को गोगाजी देवता का मेला भरता है। इन्हे हिन्दु और मुस्लिम दोनो पूजते है| वीर गोगाजी गुरुगोरखनाथ के परमशिस्य थे। चौहान वीर गोगाजी का जन्म विक्रम संवत 1003 में चुरू जिले के ददरेवा गाँव में हुआ था सिद्ध वीर गोगादेव के जन्मस्थान, जो राजस्थान के चुरू जिले के दत्तखेड़ा ददरेवा में स्थित है। जहाँ पर सभी धर्म और सम्प्रदाय के लोग मत्था टेकने के लिए दूर-दूर से आते हैं।कायम खानी मुस्लिम समाज उनको जाहर पीर के नाम से पुकारते हैं तथा उक्त स्थान पर मत्‍था टेकने और मन्नत माँगने आते हैं। इस तरह यह स्थान हिंदू और मुस्लिम एकता का प्रतीक है।मध्यकालीन महापुरुष गोगाजी हिंदू, मुस्लिम, सिख संप्रदायों की श्रद्घा अर्जित कर एक धर्मनिरपेक्ष लोकदेवता के नाम से पीर के रूप में प्रसिद्ध हुए। गोगाजी का जन्म राजस्थान के ददरेवा (चुरू) चौहान वंश के राजपूत शासक जैबर (जेवरसिंह) की पत्नी बाछल के गर्भ से गुरु गोरखनाथ के वरदान से भादो सुदी नवमी को हुआ था। चौ...

मेरी कविताए

मेरी कविताए 1.मुझे भी मरना है देश के लिए   मुझे भी कुछ करना है देश के लिए   मुझे भी कुछ कहना है देश के लिए   भारत मेरी शान हैं ।   मुझे इस पर अभिमान हैं ।  इसका मुझ पर अधिकार है!  क्योंकि मेरा भारत महान हैं।  भारत माता की जय #YogeshPareek18.  ------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------- 2.                                                                   (कर्म)    दिया जीवन विधाता ने तु इसको बूझ ना पाया है। य! द रख कर्तव्य सारे अपने तु। तुम्हें अहसान चुकाना है। मान बेठा तु ये केसे यही तेरा ठिकाना है l कई आये कई गये यहाँ कोई टीक ना पाया है। कागज के टुकड़ों मे जीवन हमे न गमाना हे । हमे भेजा बना के दूत हमे सद्भाव बढ़ाना है। कर परोपकार अंत मे यही काम आना है। #YogeshPar...

सभी को योगेश का प्रणाम और कृष्ण जन्माष्टमी की हार्दिक शुभ कामना आशा है आप सभी ठीक है, आज हमारे प्रिय और प्यारे कृष्ण का जन्म दिवस है आज के ही दिन गोपाल कृष्ण का जन्म हुआ था

मान्यता है कि द्वापर युग के अंतिम चरण में भाद्रपद माह के कृष्णपक्ष की अष्टमी तिथि को मध्यरात्रि में  श्रीकृष्ण  का जन्म हुआ था. इसी कारण शास्त्रों में भाद्रपद कृष्ण अष्टमी के दिन अर्द्धरात्रि में श्रीकृष्ण-जन्माष्टमी मनाने का उल्लेख मिलता है. पुराणों में इस दिन व्रत रखने को बेहद अहम बताया गया है.  इस साल जन्माष्टमी ( Janmashtami ) 17 अगस्त को है. कृष्ण जन्मकथा श्रीकृष्ण का जन्म भाद्रपद कृष्ण अष्टमी की मध्यरात्रि को रोहिणी नक्षत्र में देवकी व श्रीवसुदेव के पुत्र रूप में हुआ था. कंस ने अपनी मृत्यु के भय से अपनी बहन  देवकी  और  वसुदेव को कारागार में कैद किया हुआ था. कृष्ण जी जन्म के समय घनघोर वर्षा हो रही थी. चारो तरफ़ घना अंधकार छाया हुआ था. भगवान के निर्देशानुसार कुष्ण जी को रात में ही मथुरा के कारागार से गोकुल में  नंद बाबा  के घर ले जाया गया. नन्द जी की पत्नी  यशोदा  को एक कन्या हुई थी. वासुदेव  श्रीकृष्ण  को यशोदा के पास सुलाकर उस कन्या को अपने साथ ले गए. कंस ने उस कन्या को वासुदेव और देवकी की संतान समझ पटकक...