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Showing posts from August 10, 2014

व्रत क्या है। vrat kya hota hai

मैने एक अनुभव किया जो आश्चर्यजनक है। बताने मे थोड़ी शर्म भी महसूस हो रही है। लेकिन यह कोई व्यंग्य भी नहीं है। मेरे एक सवाल उस समय उठा जब तीज के उपवास की बात हो रही थी। तो मैंने किसी माताओं बहनों से पूछा ये उपवास क्यों किया जाता है मुझे जवाब मिला पति की लम्बी उम्र के लिए कुछ समय सोचने के बाद मैंने सबसे पूछा कि तो हमारे मोहल्ले मे ही नहीं बल्कि मेरे जान पहचान या फिर गांव में स्त्री से पहले पुरुष का  स्वर्गवास क्यों हो जाता हैं। जबकि भारतीय नारी पुरे वर्ष भर मे 365 दिन में 100 दिन तो पक्का पति की लम्बी उम्र की कामना करती है। ओर मुझे इस बात पर कोई संदेह नहीं है कि हमारे धर्म में कहीं हुई कोई भी बात  अ सत्य नहीं है। तो कमी कहाँ है ? यह एक दिन का अनुष्ठान होता है जो पति की लम्बी उम्र ओर सुख शांति के लिए किया जाता है है ओर अनुष्ठान का नियम होता है जप तप नियम दान कर्म ओर हा यह सिर्फ माताओं बहनों के लिए नहीं पुरुषो के लिए भी हैं क्योंकि की पति और पत्नी दोनों जिस कार्य को परिणाम देते हैं ओर व्रत के नियम के साथ उस कार्य को हस्तक्षेप करने की शक्ति स्वयं ब्रह्मा जी मे भी नहीं है।  व्...

कजली तीज की कहानी

एक ब्राह्मण था उसकी लड़की की शादी हो गई तो उसका पिता भाद्रपद कृष्ण की काजली तीज को बेटी को सातु ओर सवा हाथ कसुमा भेजा किया करता था लेकिन कुछ समय बाद घर में गरीबी के कारण घर मे बेटी को देने के लिए सातु ओर सवा हाथ कसुमा नहीं था ब्राह्मण साहूकार के पास गया बोला मुझे सातु ओर सवा हाथ कसुमा चाहिए कृपया कर उधार देदो लेकिन साहूकार ने मना कर दिया मना करने पर ब्राह्मण साहूकार की दुकान में  छीप गया ओर रात को सातु ओर सवा हाथ कसुमा निकाल कर साहूकार के सुबह दुकान खोलने का इन्तजार करने लगा ओर अन्दर बेठा "अठ इया बठ बिया आ काजली तीज धुक किया" बोल रहा था रास्ते से गुजर रहे लोगों ने सुना ओर साहूकार को बताया कि तुम्हारी दुकान मे चोर घुस गया साहूकार दुकान गया ओर देखा तो अन्दर तो अन्दर ब्राह्मण बैठा था साहूकार ने ब्राह्मण से कहा तुम चोर हो तो ब्राह्मण ने कहा नहीं देखो मुझे मात्र सातु ओर सवा हाथ कसुमा की जरूरत थी ओर मैंने इतना ही समान निकलना साहूकार को ब्राह्मण की बात पर विश्वास हो गया ओर बोला आज से तुम्हारी बेटी मेरी बेटी साहूकार ने ब्राह्मण को सातु ओर सवा हाथ कसुमा दे दिया ब्राह्मण प्रात: बेटी क...