आज एकादशी है। एकादशी वर्ष में 24 होती है। जिस वर्ष मलमास लगता है उस वर्ष इसकी संख्या बढ़ जाती है और कुल एकादशी 26 हो जाती है। शास्त्रों में कहा गया है कि एकादशी के दिन व्रत रखकर भगवान विष्णु के विभिन्न अवतारों एवं स्वरूपों का ध्यान करते हुए इनकी पूजा करनी चाहिए। सभी व्रतों में एकादशी का व्रत भगवान विष्णु को अतिप्रिय है। जो लोग किसी कारण से एकादशी व्रत नहीं कर पाते हैं उन्हें एकादशी के दिन खान-पान एवं व्यवहार में सात्विकता का पालन करना चाहिए। सात्विकता के पालन से अर्थ है एकादशी के दिन लहसुन, प्याज, मांस, मछली, अंडा नहीं खाएं और झूठ, ठगी, मैथुन का त्याग करके भगवान का स्मरण करें। इसलिए एकादशी में वर्जित है चावल खाना इन नियमों के अलावा एकादशी के दिन चावल खाना भी वर्जित कहा गया है। मान्यता के अनुसार एकादशी के दिन चावल खाना अखाद्य पदार्थ अर्थात नहीं खाने योग्य पदार्थ खाने का फल प्रदान करता है। पौराणिक कथा के अनुसार माता शक्ति के क्रोध से बचने के लिए महर्षि मेधा ने शरीर का त्याग कर दिया और उनका अंश पृथ्वी में समा गया। चावल और जौ के रूप में महर्षि मेधा उत्पन्न हुए इसलिए चावल ...
Welcome Bhagwati Kamkhya's Blogs नमस्कार यह ब्लॉग भगवती कामाख्या से सम्बंधित है मेरा नाम पंडित योगेश है हम कामख्या मंदिर में रहने के खाने की अनुष्ठान आदि की व्यवस्था करते है और जन्म कुंडली समाधान तथा तंत्र सम्बंधित समाधान भी किया जाता है ब्राह्मणो से हवन तथा शतचंडी आदि भी की जाती है