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Sunday, August 17, 2014

मेरी कविताए


मेरी कविताए

1.मुझे भी मरना है देश के लिए 
 मुझे भी कुछ करना है देश के लिए 
 मुझे भी कुछ कहना है देश के लिए 
 भारत मेरी शान हैं । 

 मुझे इस पर अभिमान हैं ।
 इसका मुझ पर अधिकार है!
 क्योंकि मेरा भारत महान हैं।
 भारत माता की जय #YogeshPareek18. 
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2.                                                                  (कर्म)  

दिया जीवन विधाता ने तु इसको बूझ ना पाया है। य!द रख कर्तव्य सारे अपने तु। तुम्हें अहसान चुकाना है। मान बेठा तु ये केसे यही तेरा ठिकाना है l कई आये कई गये यहाँ कोई टीक ना पाया है। कागज के टुकड़ों मे जीवन हमे न गमाना हे । हमे भेजा बना के दूत हमे सद्भाव बढ़ाना है। कर परोपकार अंत मे यही काम आना है। #YogeshPareek18
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3.दिया जिसने तुझे जीवन उसे तु तुच्छ समझ बेठा ।

 दो दिन के आशिया को अपना समझ बेठा ।
 भाई को कसाई ओेर बाप को पाप समझ बेठा।
 अरे मुर्ख अब समझ ले तु तेरा है काल आ बेठा। 
#YogeshPareek18 
-----------------------------------------------------------------------------------------------------------4.आज की मेरी रचना
जब उस के सितारे चमन थे तो वो उसके साथ व्यस्त थी 

 ओर मैं उस के लिए । उसका नया सवेरा है मेरा नया अनुभव है । 
मुझे उसका इंतजार है उसे अपने प्यार का।
 हम कैसे ये दुआएं दे कि आपको आपका प्यार मिले क्योंकि हमे आपसे प्यार है
 इंतजार है आपके प्यार की बेवफाई का क्योंकि जिस दिन आपका बेवफा प्यार नहीं उस दिन आपके साथ हम है। 
#Yogeshpareek18 
-------------------------------------------------------------------------------------------------------------5. आज की रचना 
तस्वीरों की दुकानों मे ईश्वर अल्लाह बैठें जैसे मानो भाई भाई।
    क्यो झगड़ रहे हो दुनिया वालो बनकर हिन्दू मुस्लिम सीख ईसाई ।
    लड़ते हो मानो जेसे हो तुम कोई पापी दुष्ट कसाई ।
    धर्म है अपना मानवता पढ़ लो मानवता की पढ़ाई। 
    बुराई है हम सब मै धर्मों मे नहीं है बुराई ।
    सिख लो सब धर्मो वालो नहीं करनी अब हमे ओर लड़ाई।
    क्योंकि परमात्मा ने हमे बना के भेजा है भाई भाई।
      #Yogeshpareek18 
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6. मासूमियत देख तेरी चाँद शरमा जाए । 
करे तारीफ क्या तेरी कहीं हम हार ना जाए।
# YOGESHPAREEK18
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कामाख्या शक्तिपीठ पूजन परिक्रमा और इतिहास

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