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कामख्या माता की साधना

नमस्कार में योगेश पारीक आपका स्वागत करता हु। आज में आपको बताऊंगा की भगवती कामख्या की साधना कैसे करे और कब करे ।

भगवती कामख्या माता का मंदिर गुवाहाटी असम में है ये मंदिर कामख्या रेलवे स्टेशन से 8 किलोमीटर दूर है । यहा रहने की व्यवस्था है और शुद्ध शाकाहारी भोजन की भी व्यवस्था

                  ।।साधना करने से पुर्व जानने योग्य बाते ।।

कामख्या भगवती सती के अंग से योनि रूप में प्रगट हुई है। और यह देवी का स्वरूप है । इस लिए इनकी साधना नवरात्री में विशेष फलदायक है तथा यहा गुवाहाटी असम कामख्या में जून महीने में 22 23 24 25 माता को रजस्वला दोष आता है देवीपुराण के अनुसार सतयुग में यह पर्व 16 वर्ष में एक बार, द्वापर में 12 वर्ष में एक बार, त्रेता युग में 7 वर्ष में एक बार तथा कलिकाल में प्रत्येक वर्ष जून माह में मनाया जाता है। इसे अम्बूवाची योग पर्व कहते है । जिस कारण इस समय में यहा साधना करना तो बहुत बहुत फलदायक है। तथा जिस प्रकार हम किसी विशेष व्यक्ति से मिलने जाते है तो उसके बारे में जनके जाते है उन्हें क्या पसंद है क्या नही क्या पहनना अच्छा लगता है क्या नही क्या खाना पसंद है क्या नही इस प्रकार कामख्या माता की पसंद का भी पता होना बहुत जरुरी है।
                 
                     ।। साधना के लिए अच्छा मुहूर्त ।।

माता कामख्या की ही नही कोई भी साधना करने के लिए आपको अच्छा समय देखना अत्यंत जरुरी है क्यों की जिस प्रकार पतझड़ में फल फुल नही लगते उसी प्रकार बिना अच्छे मुहूर्त के बिना साधना में सफलता नही मिलती ।
साधना का मुहूर्त
नवरात्री - चैत्र ,आषाढ़ (गुप्तनवारात्री) ,आषोज, पोष (गुप्तनवरात्री)
अम्बुवाची - जून 22 23 24 25
ग्रहण - चन्द्र और सूर्या
सावन - देवधुनि मेला

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